Sunday, July 03, 2011

गुप्त नवरात्रि

गुप्त नवरात्रि जगतजननी दुर्गा की उपासना से शक्ति और मनोरथ सिद्धि का विशेष काल माना गया है। इस बार यह शुभ काल 2 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक रहेगा। शास्त्रों के मुताबिक संसार में प्राणी, वनस्पति, ग्रह-नक्षत्र सभी में दिखाई देने वाली या अनुभव होने वाली हर तरह की शक्तियां आदिशक्ति का ही स्वरूप है। यह आदिशक्ति ही ब्रह्मरूप है।

वेदों में जगतजननी जगदंबा द्वारा स्वयं कहा गया है कि वह ही पूरे ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री है। इसलिए सभी कर्मफल और सुख-समृद्धि मेरे द्वारा ही प्रदान किए जाते हैं।

अगर आप भी जीवन से जुड़ी इच्छाओं जैसे धन, पद, संतान या सम्मान को पूरा करना चाहते हैं तो यहां बताए जा रहे देवी दुर्गा के एक मंत्र का जप गुप्त नवरात्रि, शुक्रवार, नवमी तिथि पर जरूर करें। यह मंत्र सरल है और पारंपरिक धार्मिक कार्यों में भी स्मरण किया जाता है।

जानते हैं यह मंत्र और देवी उपासना की सरल विधि -

- गुप्त नवरात्रि में सुबह या विशेष रूप से रात्रि में दिन के मुताबिक देवी के अलग-अलग स्वरूपों का ध्यान कर सामान्य पूजा सामग्री अर्पित करें।

- पूजा में लाल गंध, लाल फूल, लाल वस्त्र, आभूषण, लाल चुनरी चढ़ाकर फल या चना-गुड़ का भोग लगाएं। धूप व दीप जलाकर माता के नीचे लिखे मंत्र का नौ ही दिन कम से कम एक माला यानी 108 बार जप करना बहुत ही मंगलकारी होता है -

सर्व मंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।

शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणि नमोस्तुते।।

- मंत्र जप के बाद देवी की आरती करें और मंगल कामना करते हुए अपनी समस्याओं को दूर करने के लिये मन ही मन देवी से प्रार्थना करें।

1 comment:

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