Tuesday, February 08, 2011

वसंत पंचमी

वसंत पंचमी एक भारतीय त्योहार है, इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं।

प्राचीन भारत में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था।जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों मे सरसों का सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती, यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है।
बसन्त पंचमी के दिन माता शारदा का पूजन Puja of Goddess Saraswati माता शारदा के पूजन के लिये भी बसंत पंचमी का दिन विशेष शुभ रहता है. इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को पीले-मीठे चावलों का भोजन कराया जाता है. तथा उनकी पूजा की जाती है. मां शारदा और कन्याओं का पूजन करने के बाद पीले रंग के वस्त्र और आभूषण कुमारी कन्याओ, निर्धनों व विप्रों को दिने से परिवार में ज्ञान, कला व सुख -शान्ति की वृ्द्धि होती है. इसके अतिरिक्त इस दिन पीले फूलों से शिवलिंग की पूजा करना भी विशेष शुभ माना जाता है